कंप्यूटर को शुरू करने के लिए ये स्टेप्स फॉलो करें:
- पावर बटन:
- कंप्यूटर का पावर बटन प्रेस करें। आमतौर पर यह बटन टॉवर या केस के ऊपर या बटन पैनल पर होता है।
- बूटिंग (Booting):
- पावर ऑन करने के बाद, कंप्यूटर की प्रोसेसिंग यूनिट (Processor) शुरू होगी। इसके बाद, ऑपरेटिंग सिस्टम लोड होने तक कंप्यूटर बूट होगा।
- बूटिंग सीक्वेंस (Boot Sequence):
- कंप्यूटर बूट होते समय, आमतौर पर स्क्रीन पर कंप्यूटर ब्रांड का लोगो, BIOS/UEFI के स्क्रीन, और ऑपरेटिंग सिस्टम की लोडिंग प्रक्रिया दिखाई देती है।
- लॉगिन (Login):
- जब ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह से लोड हो जाए, तो आपको लॉगिन स्क्रीन पर अपने यूज़रनेम और पासवर्ड दर्ज करना हो सकता है।
- डेस्कटॉप प्रदर्शित होना:
- सफल लॉगिन के बाद, आपका कंप्यूटर डेस्कटॉप प्रदर्शित करेगा, जो ऑपरेटिंग सिस्टम के अनुसार हो सकता है।
यह बुनियादी स्टेप्स हैं जो कंप्यूटर को शुरू करने के लिए अनुसरण किए जा सकते हैं।
इनपुट डिवाइस कंप्यूटर में जानकारी और डेटा को प्रविष्ट करने में मदद करते हैं। ये उपकरण डेटा को कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए उपयोग होते हैं। यहां कुछ मुख्य इनपुट डिवाइस हैं:
- कीबोर्ड (Keyboard): यह उपकरण टाइपिंग के लिए उपयोग होता है। इससे आप अक्षर, संख्याएं, और अन्य चरित्र दर्ज कर सकते हैं।
- माउस (Mouse): माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस है जो स्क्रीन पर डराइवर करने के लिए उपयोग होता है। इससे आप कंप्यूटर पर क्लिक करके, चुनकरी करके, और नेविगेट कर सकते हैं।
- टचस्क्रीन (Touchscreen): यह डिवाइस स्क्रीन को छूने के लिए उपयोग होता है और बारंबार टच करके कंप्यूटर को कंट्रोल करने की अनुमति देता है।
- स्कैनर (Scanner): स्कैनर छवियों, डॉक्यूमेंट्स या फोटो को डिजिटल रूप में कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए उपयोग होता है।
- वेबकैम (Webcam): यह डिवाइस आपको वीडियो कॉल करने और वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए उपयोग होता है।
- टचपैड (Touchpad): लैपटॉप में इस्तेमाल होने वाला एक पॉइंटिंग डिवाइस, जो माउस की तरह काम करता है।
- माइक्रोफोन (Microphone): यह उपकरण आवाज को कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए उपयोग होता है, जैसे की वॉयस रिकॉर्डिंग, वीडियो कॉल्स, और ऑडियो नोट्स।
ये इनपुट डिवाइसेज हमारे डेटा और जानकारी को कंप्यूटर में प्रविष्ट करने में मदद करते हैं और हमें अपने कंप्यूटर को निर्देशित करने में सहायता प्रदान करते हैं।
आउटपुट डिवाइस वे उपकरण होते हैं जो कंप्यूटर से जानकारी या डेटा को बाहरी रूप से प्रदर्शित, सुनाया या प्रिंट करते हैं। ये उपकरण उपयोगकर्ता को कंप्यूटर से आउटपुट प्राप्त करने में मदद करते हैं। यहां कुछ मुख्य आउटपुट डिवाइस के उदाहरण हैं:
- मॉनिटर (Monitor): यह डिस्प्ले डिवाइस होता है जो टेक्स्ट, ग्राफिक्स, वीडियो, और अन्य जानकारी को दिखाता है।
- प्रिंटर (Printer): प्रिंटर डिवाइस कंप्यूटर से जानकारी को कागज़ या अन्य सामग्री पर प्रिंट करने में मदद करता है।
- स्पीकर्स (Speakers): स्पीकर्स से आवाज़ या ऑडियो जानकारी को सुनाया जाता है, जैसे की संगीत, वीडियो, और अन्य साउंड्स।
- हेडफोन्स (Headphones): हेडफोन्स भी आवाज़ को सुनने के लिए उपयोग होते हैं, लेकिन ये प्राइवेट तरीके से सुनाया जाता है बिना किसी अन्य को असुविधा पहुंचाए।
- डिस्क ड्राइव (Disk Drive): यह स्टोरेज डिवाइस होता है जो डेटा को रीड और लिखने के लिए उपयोग होता है, जैसे की CD, DVD, या Blu-ray ड्राइव।
ये आउटपुट डिवाइसेज हमें कंप्यूटर से प्राप्त होने वाली जानकारी और डेटा को बाहरी तरीके से प्रदर्शित करते हैं ताकि हम उसे समझ सकें या सुन सकें।
कंप्यूटर मेमोरी उस जगह को दर्शाती है जहां डेटा, जानकारी और इंस्ट्रक्शन्स संचित और प्रोसेस किए जाते हैं। यह डेटा कंप्यूटर के सभी कार्यों में उपयोग होता है, सहेजा जाता है, और प्रोसेसर द्वारा प्राप्त किया जाता है।
कंप्यूटर मेमोरी के विभिन्न प्रकार होते हैं:
- रैन्डम एक्सेस मेमोरी (RAM – Random Access Memory): RAM इस्तेमाल होता है कि प्रोसेसर को तत्काल डेटा और इंस्ट्रक्शन्स तक पहुंचाने के लिए। यह फ्लैश मेमोरी की तरह अस्थायी होती है और जब तक कंप्यूटर चालू है, इसमें संचित डेटा रहता है।
- रीड ओनली मेमोरी (ROM – Read-Only Memory): ROM कंप्यूटर के शुरूआती तहत जरूरी इंस्ट्रक्शन्स को संचित करती है, जो कंप्यूटर को बूट करने और शुरू होने के लिए आवश्यक होती हैं। यह स्थायी होती है और परिवर्तनीय नहीं होती है।
- कैश मेमोरी (Cache Memory): कैश मेमोरी प्रोसेसर की गति को बढ़ाने के लिए उपयोग होती है, ताकि जो डेटा या इंस्ट्रक्शन्स बार-बार आते हैं, उन्हें तत्काल पहुंचा जा सके।
- वर्चुअल मेमोरी: जब RAM में पर्याप्त स्थान नहीं होता, तो कंप्यूटर अपनी कैपेसिटी बढ़ाने के लिए वर्चुअल मेमोरी इस्तेमाल करता है। यह हार्ड ड्राइव का एक हिस्सा होता है जिसमें RAM के बजाय डेटा संचित किया जाता है।
मेमोरी कंप्यूटर की प्रदर्शन की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो कि डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को संचित और प्रोसेस करती है।
Windows 10 में कंप्यूटर सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन की जाँच करने के लिए, आप निम्नलिखित कदमों का अनुसरण कर सकते हैं:
- सिस्टम सेटिंग्स में जाएं:
- डेस्कटॉप पर, Start मेनू बटन पर क्लिक करें और “Settings” चुनें। या फिर Windows कुंजी + I दबाएं।
- System (सिस्टम) का चयन करें:
- Settings में, “System” विकल्प पर क्लिक करें।
- इनफ़ो (About) देखें:
- “About” सेक्शन में, आपको अपने कंप्यूटर के सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन की जानकारी मिलेगी। यहाँ पर आपको प्रोसेसर, इंस्टॉल किये गए RAM, ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्शन, और सिस्टम प्रोपर्टी जैसी जानकारी मिल सकती है।
- अन्य ऑप्शन:
- आप “Device Manager” में जाकर हार्डवेयर की जानकारी देख सकते हैं। इसके लिए “System” सेक्शन में “Device Manager” पर क्लिक करें। यहाँ पर आपको इंस्टॉल किए गए हार्डवेयर का विस्तृत सूची मिलेगी।
इन चरणों के माध्यम से, आप अपने Windows 10 कंप्यूटर की मुख्य सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन की जांच कर सकते हैं और संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।